2024 में लोको पायलट के लिए आईटीआई ट्रेड का चुनाव कैसे करें? (Best ITI Trade)

Loco Pilot के लिए ITI Trade: लोको पायलट की रेलवे विभाग में काफी अहम भूमिका होती है। यानी की Loco Pilot द्वारा ही रेलगाड़ी चलाया जाता है। बता दें की इस जॉब के लिए ज्यादा पढ़ाई भी नहीं करना पड़ता और जॉब लगने के बाद वेतन भी काफी ज्यादा मिलता है। 

यदि आप लोको पायलट बनने की सोच रहे हैं तो आज मैं आपको लोको पायलट के लिए आईटीआई ट्रेड कौनसा बेस्ट है उसके बारे में बताऊंगा। साथ ही लोको पायलट से जुड़े कुछ जरूरी चीजों के बारे में भी बताऊंगा, इसलिए इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें। तो चलिए दोस्तों अब ज्यादा वक्त गंवाए बिना इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

लोको पायलट के लिए आईटीआई ट्रेड

लोको पायलट बनने के लिए आईटीआई के कुछ विशेष ट्रेडों में पढ़ाई करना जरूरी होता है। रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) द्वारा लोको पायलट के पद के लिए अक्सर इलेक्ट्रिशियन, फिटर, मैकेनिक, इलेक्ट्रॉनिक्स मैकेनिक, वेल्डर और वायरमैन जैसे ट्रेडों की मांग की जाती है। 

इन ट्रेडों में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को लोको पायलट की Technical और Mechanical जानकारी मिलती है, जो रेलवे इंजन और उसके उपकरणों को ठीक से संभालने के लिए काफी ज्यादा जरूरी होती है। ITI से जुड़े इन ट्रेडों में शिक्षा पूरी करने के बाद उम्मीदवार रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षा में बैठ सकते हैं। 

लोको पायलट की नौकरी में मुख्य रूप से इंजनों की देखरेख, चलाने की तकनीक और सुरक्षा मानकों का ध्यान रखना शामिल होता है। 

रेलवे में कौन सी आईटीआई चाहिए? 

रेलवे में टेक्निकल पदों के लिए आईटीआई की कई ट्रेडों की मांग की जाती है। रेलवे में सबसे आम पदों जैसे लोको पायलट, तकनीशियन, फिटर और अन्य तकनीकी पदों के लिए ज्यादातर निम्न ITI Trade की जरूरत होती है: 

  1. Electrician: इस ट्रेड में बिजली के उपकरणों की मरम्मत और रखरखाव के बारे में सिखाया जाता है, जो रेलवे में इलेक्ट्रिकल कामों के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
  2. Fitter: इसमें मशीनों और यांत्रिक उपकरणों को फिट करने और ठीक करने का गहराई से अध्ययन कराया जाता है, जो ट्रेन के इंजन और अन्य यांत्रिक भागों के देखरेख के लिए जरूरी है।
  3. Electronics Mechanic: यह ट्रेड इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और सिस्टम की मरम्मत और रखरखाव से जुड़ी है, जो आधुनिक रेलगाड़ियों में इस्तेमाल की जाती हैं।
  4. Diesel Mechanic: डीजल इंजनों की मरम्मत और रखरखाव का प्रशिक्षण ITI के इस ट्रेड में दिया जाता है, जो रेलवे के इंजन की देखभाल के लिए जरूरी है।
  5. Wireman: इसमें बिजली के तारों और केबल्स की फिटिंग, मरम्मत और रखरखाव का अध्ययन किया जाता है, जो रेलवे की सिग्नलिंग और बिजली व्यवस्था में काम आता है।
  6. Welder: रेल की पटरियों और अन्य धातु-निर्मित ढांचों की मरम्मत के लिए वेल्डिंग का प्रशिक्षण भी जरूरी होता है।

इनमें से किसी भी ट्रेड में ITI पूरी करने के बाद उम्मीदवार RRB के टेक्निकल पदों के लिए आप परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।

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क्या बिना आईटीआई के लोको पायलट बन सकते हैं?

बिना आईटीआई के लोको पायलट बनना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन असंभव नहीं। लोको पायलट बनने के लिए आपको कम से कम 10वीं के बाद इंजीनियरिंग या टेक्निकल क्षेत्र में डिप्लोमा या ITI होना जरूरी होता है। आमतौर पर, RRB द्वारा लोको पायलट और तकनीशियन पदों के लिए ITI या डिप्लोमा धारकों को प्राथमिकता दी जाती है। 

अगर आपके आईटीआई नहीं किया है और आपके पास संबंधित इंजीनियरिंग शाखा में डिप्लोमा (जैसे इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स) है, तो आप बिना ITI किए भी लोको पायलट की परीक्षा में बैठ सकते हैं। इसके अलावा, रेलवे के कुछ गैर-टेक्निकल पदों के लिए 12वीं पास या ग्रेजुएट उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं।

ट्रेन लोको पायलट की सैलरी कितनी होती है?

शुरुआत में एक लोको पायलट की सैलरी 25,000 रुपये से 35,000 रुपये के बीच होती है। जैसे-जैसे अनुभव बढ़ता है, सैलरी भी बढ़ती जाती है और 50,000 रुपये से लेकर 1,00,000 रुपये तक हो सकती है।

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लोको पायलट की ट्रेनिंग कितने दिन की होती है?

लोको पायलट की ट्रेनिंग अक्सर 78 से 91 सप्ताह यानी की 18 से 21 महीने की होती है। इस ट्रेनिंग को तीन चरणों में बांटा गया है:

  1. Classroom Training: इसमें उम्मीदवारों को रेलवे के नियम, संकेत, संचालन और सुरक्षा प्रक्रियाओं के बारे में थ्योरिटिकल ज्ञान दिया जाता है। जो की लगभग 6 से 9 महीने का होता है। 
  2. Simulator Training: उम्मीदवारों को एक ट्रेनिंग सिम्युलेटर पर ट्रेन चालन के प्रैक्टिकल अनुभव कराया जाता है। इस दौरान उन्हें ट्रेन चलाने की तकनीकों, संकेतों को पढ़ने और आपात स्थिति को संभालने के तरीकों का अभ्यास कराया जाता है।
  3. Field Training: वास्तविक ट्रेन चलाने का अध्ययन करवाया जाता है, जहां उम्मीदवार को एक अच्छे लोको पायलट के साथ ट्रेन चलाने का अनुभव भी दिया जाता है। यह चरण लगभग 9 से 12 महीने का होता है।

बता दें की ट्रेनिंग अवधि उम्मीदवार की सीखने की प्रगति और रेलवे के ट्रेनिंग कॉलेज के अनुसार अलग अलग भी हो सकती है।

निष्कर्ष (Loco Pilot के लिए ITI Trade 2024)

तो दोस्तों इस पोस्ट में आपने जाना की लोको पायलट के लिए आईटीआई ट्रेड कौनसा लेना चाहिए। उम्मीद है की आपको आपके सवालों का जवाब मिल गया होगा। मैने कोशिश किया है कि मैं आपको सभी चीजें विस्तार से बताऊं। 

लेकिन अगर आप हमसे कुछ और चीजें पूछना चाहते हैं तो आप कॉमेंट के जरिए पूछ सकते हैं। साथ ही इस ब्लॉग पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर भी करें ताकि उनको भी लोको पायलट बनने के लिए कौन सी ट्रेड से आईटीआई करें? के बारे में पता चल सके। 

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