सिविल इंजीनियर बनने में कितने साल लगते हैं: वर्तमान समय में सभी लोग चाहते है की उनका भविष्य बेहतर हो। जिसके कारण आजकल इंजीनियररिंग के क्षेत्र में युवाओं की रुचि लागतार बढ़ रही हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यह क्षेत्र बहुत बड़ा है और इसमें कई सारी शाखाएं भी होती है।
इंजीनियररिंग क्षेत्र में एक क्षेत्र सिविल इंजीनियर का भी होता है। बहुत सारे युवाओं का सपना सिविल इंजीनियर बनने का होता है। यदि आप भी सिविल इंजीनियर बनना चाहते है और 12वीं के बाद सिविल इंजीनियर बनने में कितने साल लगते हैं इसके बारे जानकारी हासिल करना चाहते है तो आज के इस ब्लॉग पोस्ट को आपको अवश्य पढ़ना चाहिए।
आज आप इस आर्टिकल में 12वीं के बाद सिविल इंजीनियर बनने में कितने साल लगते हैं, सिविल इंजीनियर कितने प्रकार के होते हैं और सिविल इंजीनियरिंग में कितने सब्जेक्ट होते हैं जैसे कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब जानने वाले है इसलिए आपको इस पोस्ट को पूरा पढ़ना है।
12वीं के बाद सिविल इंजीनियर बनने में कितने साल लगते हैं?
12वीं के बाद सिविल इंजीनियर बनने में आमतौर पर 4 से 6 साल का समय लगता है। जिसमे सबसे पहले आपको 12वीं के बाद, सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन (B.Tech या B.E.) पूरा करना पड़ेगा, जो 4 साल का कोर्स होता है। इस कोर्स में आप सिविल इंजीनियरिंग के विभिन्न पहलुओं के बारे में गहराई से अध्ययन करते है।
फिर इसके बाद आपको प्रशिक्षण और ट्रेनिंग भी करना होता है। जो कुछ महीनों से लेकर एक साल तक का समय लेती है। इसके आलावा आप यदि इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा जैसे M.Tech या M.E. प्राप्त करना चाहते हैं तो इसमें 2 वर्ष और लगेंगे।
इस प्रकार, 12वीं के बाद सिविल इंजीनियर बनने में कुल 4 से 6 साल का समय लग सकता है।
12वीं के बाद सिविल इंजीनियर कैसे बने?
12वीं के बाद सिविल इंजीनियर बनने के लिए निम्नलिखित कदम उठा सकते है-
- सबसे पहले आपको PCM (फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक) के साथ 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करना होगा।
- 12वीं के बाद आपको इंजीनियरिंग के लिए एंट्रेंस एग्जाम जैसे JEE Main, JEE Advanced जैसे परीक्षाओं में शामिल होना होगा। इन परीक्षाओं के आधार पर ही आप विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिल ले सकते है।
- एंट्रेंस एग्जाम में सफल होने के बाद, आप सिविल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (B.Tech) या बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (B.E) कोर्स कर सकते है।
- यदि आप यह कोर्स पूरा करते है तो आपको कोर्स के दौरान इंटर्नशिप और प्रैक्टिकल अनुभव प्राप्त करने के अवसर भी मिलेंगे। जो आपके बेहतर करियर के लिए महत्वपूर्ण है।
- डिग्री पूरी करने के बाद, आप सरकारी या प्राइवेट सेक्टर में सिविल इंजीनियर के रूप में नौकरी की तलाश कर सकते है।
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सिविल इंजीनियरिंग की फीस कितनी है?
सिविल इंजीनियरिंग की फीस कॉलेज और उसके प्रकार (सरकारी या प्राइवेट) पर निर्भर करती है। आपमतौर पर भारत में सिविल इंजीनियरिंग की फीस 50,000 रुपए से 4 लाख रुपए प्रति वर्ष तक होती हैं। ट्यूशन फीस के अलावा, छात्रों को लगभग 7500 रुपये का एकमुश्त प्रवेश शुल्क और 1800 रुपये का छात्रावास शुल्क भी देना होता है।
सिविल इंजीनियर कितने प्रकार के होते हैं?
सिविल इंजीनियर कई प्रकार के होते है जो विभिन्न क्षेत्र में कार्य करते है। यहां कुछ प्रमुख प्रकार के सिविल इंजीनियर की सूची है :
- Structural Engineer: ये इंजीनियर इमारतों, पुलों और अन्य संरचनाओं की डिजाइन और निर्माण जैसे कार्य करते है।
- Geotechnical Engineer: ये इंजीनियर मिट्टी और चट्टानों के गुणों का अध्ययन करते हैं और यह सुनिश्रीत करते है की नींव मजबूत और स्थिर है।
- Environmental Engineer: ये इंजीनियर पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियत्रण पर कार्य करते है।
- Traffic Engineer: ये इंजीनियर सड़क, रेलवे हवाई अड्डे और अन्य परिवहन प्रणालियों की डिजाइन और निर्माण करते है।
- Water Resources Engineer: ये इंजीनियर जल प्रबंधन, बांध, नहर और जल वितरण प्रणालियों पर काम करते हैं।
- Building – Construction Engineer: ये इंजीनियर निर्माण परियोजनाओं की योजना, प्रबंधन और निष्पादन पर कार्य करते है।
- Urban Planning Engineer: ये इंजीनियर शहरों और कस्बों के योजना-विकास में कार्य करते है।
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सिविल इंजीनियरिंग में कितने सब्जेक्ट होते हैं?
सिविल इंजीनियरिंग में 15 से अधिक सब्जेक्ट होते हैं, जिन्हें 4 वर्षों में 8 सेमसेटर के रूप में पढ़ाया जाता है। इन सब्जेक्ट के नाम आप नीचे दिए Table के माध्यम से देख सकते हैं
BTech Civil Engineering Subjects First Year
Semester 1 | Semester 2 |
Mathematics-I | General Chemistry |
Mechanics | Probability and Statistics |
Introduction to Environmental Studies | Solid Mechanics |
Communication Skills (Advance) | Water Supply Engineering |
Communication Skills (Basic) | Geomatics Engineering-I |
Ethics and Self Awareness | Fluid Mechanics |
Introduction to Civil Engineering | |
Numerical Methods and Computer Programming |
BTech Civil Engineering Subjects Second Year
Semester 3 | Semester 4 |
Electrical Sciences | Basic Manufacturing Processes |
Geomatics Engineering – II | Waste Water Engineering |
Channel Hydraulics | Engineering Hydrology |
Structural Analysis – I | Structural Analysis-II |
Engineering Graphics | Design of Reinforced Concrete Elements |
HSS Elective Course | Highway and Traffic Engineering |
BTech Civil Engineering Subjects Third Year
Semester 5 | Semester 6 |
Soil Mechanics | Practical Problem |
Design of Steel Elements | Foundation Engineering |
Railway Engineering and Airport Planning | Design of Structural Systems |
Department Elective Course – I | Department Elective Course – II |
Open Elective Course/ Management Studies Elective Course | Minor Specialization Course-I /Department Honours Course – I |
Technical Communication | Open Elective Course/ Management Studies Elective Course |
Educational Tour |
BTech Civil Engineering Subjects Final Year
Semester 7 | Semester 8 |
B. Tech. Project | B. Tech. Project (Contd. From Autumn Semester) |
Department Elective Course-III | Department Elective Course-V |
Department Elective Course-IV | Department Elective Course-VI |
Minor Specialization Course-II /Department Honours Course – II | Minor Specialization Course-IV /Department Honours Course – IV |
Minor Specialization Course-III /Department Honours Course – III | Minor Specialization Course-V /Department Honours Course – V |
Training Seminar |
BTech Civil Engineering Elective Subjects
Stream 1 | Stream 2 |
Construction Planning and Management | Structural Dynamics |
Theory and Application of GIS | Advanced Concrete Design |
Water Recourses Engineering | Ground Improvement Design |
Building material and Construction Technology | Soil Dynamics and Machine Foundations |
System Analysis | Advanced Highway Engineering |
Structural Dynamics | Geometric Design |
Advance Concrete Design | Geodesy and GPS Surveying |
Environment Modelling andSimulation | Analysis and Design of Bridges |
Advanced Water and Wastewater Treatment | Finite Element Methods |
Dam Engineering | Rock Engineering |
Geodesy and GPS Surveying | Traffic Engineering and management |
Analysis and Design of Bridges | Digital Image Processing |
Finite Element Methods | Probability Methods in Engineering Problems |
Air Pollution and Control | |
Solid Waste Management | |
Ground Water Hydrology | |
Hydropower Engineering | |
Digital Image Processing |
Credit: कोर्स के इस टेबल को Shiksha.com से लिया गया है।
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सिविल इंजीनियर की सैलरी कितनी होती है?
देखिए, कोई भी कोर्स हो या जॉब, करने से पहले एक व्यफ्ती के मन में जॉन में मिलने वाले वेतन के बारे में जानने की इच्छा रहती है। आज हम आपको बता दें, की यदि आप सिविल इंजीनियरिंग कोर्स करके एक इंजीनियर के भांति काम करते है। तो इसमें आपको आपके पद, स्थान और जॉन फिल्ड के आधार पर सैलरी मिलेगा।
सिविल इंजीनियर बनने के बाद एक टेक्निकल इंजीनियर को प्रतिवर्ष 4-5 लाख रुपए, एन्वायरमेंट, इंजीनियर को प्रतिवर्ष 5-6 लाख, कंस्ट्रक्शन इंजीनियर को प्रतिवर्ष 4-5 लाख रुपए, बिल्डिंग कंट्रोलर सर्वेयर को 6-7 लाख प्रति वर्ष तथा प्रोजेक्ट मैनेजर को 9-10 लाख रुपए प्रतिवर्ष सैलरी दिया जाता है।
FAQs:
1. सिविल इंजीनियर की 1 वर्ष की सैलरी कितनी होती है?
एक प्रोफेशनल सिविल इंजीनियर की सैलरी सालाना 3 लाख रूपए से 5 लाख रुपए तक होता है।
2. सिविल इंजीनियर को हिंदी में क्या कहते हैं?
सिविल इंजीनियर को हिंदी में “नागरिक अभियंता” कहा जाता है।
3. इंजीनियर बनने की कितनी उम्र होती है?
अधिकांश लोग 21 से 23 साल की उमर ने इंजीनियर बन जाते है। हाँलकी इसके लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु 37 वर्ष निर्धारित किया गया है।
4. सिविल इंजीनियर बनने के लिए क्या पढ़ना पड़ेगा?
सिविल इंजीनियरिंग के लिए गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान और अन्य तकनीकी विषयों का ज्ञान होना आवश्यक है।
निष्कर्ष (12वीं के बाद सिविल इंजीनियर बनने में कितने साल लगते हैं)
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