Judge बनने के लिए कौनसा Subject लेना चाहिए? (2024)

दोस्तों, अगर आप अभी 10th या 12th में हैं और Judge (जज) बनने जा सोच रहे हैं, तो आपको इस ब्लॉग पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ना चाहिए। क्योंकि इसमें मैं आपको Judge बनने के लिए कौनसा Subject लेना पड़ता है? इसके बारे में बताने वाला हूं।

इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपके मन से जज बनने से जुड़े ऑलमोस्ट सारे डाउट्स क्लियर हो जायेंगे। क्योंकि इसमें मैने जज बनने से जुड़े कई जरूरी चीजों के बारे में बताया है, तो चलिए दोस्तों अब ज्यादा वक्त गंवाए बिना Judge बनने के लिए कौनसा Subject लेना चाहिए के बारे में जानते हैं।

Judge बनने के लिए कौनसा Subject लेना चाहिए?

जज बनने के लिए आपको 12वीं के बाद कानून (LLB) की पढ़ाई करनी होती है, जिसे आप किसी भी स्ट्रीम (आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स) से 12वीं पास करने के बाद कर सकते हैं। हालांकि, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र या इतिहास जैसे विषयों का चुनाव करना आपके लिए अछा हो सकता है क्योंकि इनमें आपको संविधान और समाज से जुड़ी जानकारी मिलती है।

LLB के बाद वकालत में कुछ वर्षों का अनुभव लेकर, ज्यूडिशियल सर्विस एग्जाम (सिविल जज या न्यायिक मजिस्ट्रेट) पास करना होगा। इसे पास करने के बाद आप Judge बन सकते हैं। दोस्तों जज बनने से पहले आपको कुछ वर्षों तक वकील बनकर काम करना होगा।

जज, वकील से बड़ा पद होता है, इसलिए एग्जाम के बाद आपको Interview भी Clear करना होगा। तब जा के आपकी नियुक्ति जज के रूप में की जायेगी।

जज की पढ़ाई कितने साल की होती है?

जज बनने के लिए सबसे पहले आपको कानून (LLB) की पढ़ाई करनी होती है, जो 3 से 5 साल का होता है। अगर आप सीधे 12वीं के बाद इस कोर्स को करते हैं, तो 5 साल और ग्रेजुएशन के बाद करते हैं तो 3 साल।

LLB कोर्स पूरा काटने के बाद कुछ साल तक वकालत का अनुभव लेकर ज्यूडिशियल सर्विस एग्जाम देना पड़ता है। कुल मिलाकर, जज बनने में पढ़ाई और अनुभव के साथ लगभग 7 से 9 साल का समय लगता है।

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जज बनने के लिए कितनी हाइट होनी चाहिए?

जज बनने के लिए किसी विशेष हाइट की जरूरत नहीं होती है। जज बनने के लिए मुख्य रूप से आपको कानूनी ज्ञान, वकालत का अनुभव और ज्यूडिशियल सर्विस एग्जाम में पास होना होता है। इसके लिए हाइट का कोई मानदंड नहीं होता है, इसलिए अगर आपको जज बनना है, तो आप अपनी शारीरिक विशेषताओं के बारे में चिंता बिलकुल भी न करें।

महत्वपूर्ण यह है कि आप अपनी पढ़ाई और कानूनी ज्ञान पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान केंद्रित करें।

जज बनने के लिए कितने पेपर होते हैं?

जज बनने के लिए पेपर की संख्या अलग-अलग राज्यों और परीक्षाओं के अनुसार अलग अलग हो सकता है। आमतौर पर, इसके लिए 3 पेपर होते है। प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और आखिर में इंटरव्यू। अगर दोनों परीक्षा में पास और इंटरव्यू में अच्छा परफॉर्म किया जाए तो आसानी से जज बना जा सकता है।

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जज के महीने की सैलरी कितनी होती है?

भारत में जजों की सैलरी कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि वे कौन सी अदालत में हैं (उच्च न्यायालय, जिला न्यायालय आदि) और उनको काम करते कितना वक्त हो गया है।

  • जिला जज: एक जिला जज की सैलरी 70,000 से 1,00,000 रुपये प्रति माह होती है।
  • उच्च न्यायालय जज: उच्च न्यायालय के जजों की सैलरी 1,00,000 से 1,50,000 रुपये प्रति माह तक हो सकती है।
  • सुप्रीम कोर्ट जज: सुप्रीम कोर्ट के जजों की सैलरी लगभग 1,80,000 से 2,50,000 रुपये प्रति माह होती है।

इसके अलावा, जजों को अन्य भत्ते और सुविधाएं भी मिलते हैं, जैसे कि आवास भत्ता, वाहन भत्ता और चिकित्सा सुविधा। साथ ही जब वे रिटायर हो जाते हैं, तो उन्हें अच्छा खासा पेंशन भी मिलता है।

FAQs:

1. जज बनने के लिए 11वीं में कौन सा सब्जेक्ट लेना चाहिए?

जज बनने के लिए 11वीं में आप कोई सा भी सब्जेक्ट ले सकते हैं। जज के लिए कोई खास सब्जेक्ट लेने की जरूरत नहीं होती, आप कोई भी सब्जेक्ट चुन सकते हैं।

2. जज Aur डीएम में कौन बड़ा होता है?

जज और जिला Magistrate (DM) दोनों अलग-अलग पद होता हैं। जज न्यायिक प्रणाली में कार्य करते हैं, जबकि DM प्रशासनिक कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं। आमतौर पर, जज का पद उच्च स्तर का माना जाता है, मुख्यरूप से न्यायपालिका में।

निष्कर्ष

तो दोस्तों इस पोस्ट में मैने आपको Detail में Judge बनने के लिए कौनसा Subject लेना पड़ता है के बारे में बताया है। अब आप मेरे द्वारा बताए गए स्टेप्स को फॉलो करके जज बन सकते हैं। साथ ही इसी तरह की जानकारी के लिए मेरे साथ व्हाट्सएप पर जुड़ सकते हैं।

जहां आपको डेली ऐसी ही इन्फॉर्मेशन मिलता रहेगा। साथ ही आपसे निवेदन है की इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें ताकि उनको भी जज बन्ने से जुड़ी चीजों के बारे में पता चल सके।

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